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निश्चित लक्ष्य

हम में से बहुत जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं किन्तु भ्रमित रहते हैं की क्या करें। क्योंकि हम अपने जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं करते हैं। जीवन में एक निश्चित लक्ष्य का होना अत्यंत आवश्यक है। बिना निर्धारित लक्ष्य के हमारी शक्तियां निरर्थक कार्यों में बेकार चली जाती हैं। लक्ष्यविहीन व्यक्ति सागर में भटकती उस नौका की तरह होता है जिसका कोई खेवनहार नहीं होता है और जो समुद्र के थपेड़ों में इधर से उधर भटकती रहती है। इस दृष्टि से लक्ष्य हमारी जीवन रुपी नाव का खेवनहार होता है जो उसे सही दिशा प्रदान करता है। निश्चित लक्ष्य होने पर व्यक्ति अपनी क्षमताओं का सही प्रयोग कर सकता है। क्योंकि वह जानता है की उसे कहाँ जाना है। उसका लक्ष्य उसे प्रेरित करता रहता है। अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए वह हर आवश्यक कदम उठाता है। निश्चित लक्ष्य  मष्तिष्क को एक बिंदु पर केन्द्रित करने में मदद करता है। मष्तिष्क तभी अपनी पूर्ण क्षमता का प्रयोग करता है जब वह एक बिंदु पर केन्द्रित रहता है। अन्यथा उसकी सारी शक्ति इधर उधर भटकने में चली जाती है। हम सभी में असीम क्षमताएं हैं। जो हमारे भीतर सुप्तावस्था में