16 साल का उपवास
किसी भी सामाजिक आंदोलन में मानवीय अधिकारों की रक्षा तथा अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने का शांतिप्रिय तरीका उपवास है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध कई उपवास रखे. 2011 में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी लड़ाई में उपवास को ही हथियार बनाया. आए दिन हम किसी ना किसी मुद्दे पर होने वाले उपवासों के बारे में सुनते रहते हैं. इरॉम शर्मिला ने भी नागरिक अधिकारों की रक्षा हेतु उपवास रखा किंतु यह उपवास 16 वर्ष लंबा रहा. 2 नवंबर 2000 को आरंभ हुआ उनका अनशन 9 अगस्त 2016 को समाप्त होगा. यह विश्व का सबसे लंबा चलने वाला उपवास है. इरॉम चानू शर्मिला का जन्म 14 मार्च 1972 को मणिपुर में हुआ था. भारत के उत्तरपूर्व में स्थित मणिपुर में कई सालों से आपातकाल जैसे हालात हैं. इससे निपटने के लिए 1958 में भारत सरकार ने वहाँ AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) लागू किया. इसके अंतर्गत सशस्त्र बलों को बिना Warrant के किसी के भी घर की तलाशी लेने तथा किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार है. इसके चलते कई निर्दोष लोगों को भी कष्ट पहुँचा है. इरॉम मणिपुर मे