विरासत में हमें जो भारतीय गौरव पूर्ण धरोहर है वह अतुलनीय है
मनुष्य जहाँ जाता है अपने साथ वहाँ अपनी धर्म और संस्कृति को भी ले जाता है. ज्ञान राजहंस जी भी ऐसे ही व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत से हजारों मील दूर कनाडा की धरती में भारतीय धर्म एवं दर्शन के बीज रोपित किए हैं. आपकी तपस्या के परिणाम स्वरूप वहाँ भी सनातन धर्म और दर्शन की जड़ें मजबूत हुई हैं. गत पैंतीस सालों से ज्ञान जी 'भजनावली' के नाम से प्रसारण के माध्यम से वैदिक संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं. भजनावली एक गैर व्यवसायिक संस्था है. इसका आरंभ 1 अप्रैल 1981 को हुआ था. आरंभ में यह संस्था प्रत्येक रविवार को एक घंटे के रेडियो प्रसारण के माध्यम से वैदिक चिंतन से संबंधित सामग्री लोगों तक पहुँचाती थी. 1998 से 2006 तक यह प्रसारण वेबसाइट के माध्यम से इंटरनेट पर भी उपलब्ध रहता था. 2007 में रेडियो प्रसारण समाप्त कर 'Bhajnawali.com' नामक वेबसाइट के जरिए ही वैदिक धर्म का प्रचार प्रसार किया जाता है. इस वेबसाइट पर वैदिक दर्शन व सिद्धांत से संबंधित पठनीय व श्रव्य सामग्री उपलब्ध है. वेबसाइट के संचालन की लागत प्राप्त दान की राशि से पूरी की जाती है. भजनावली की अनुसंशा Britannica encycl