संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुसीबतों से डरें नहीं तो जीत पक्की.....

चित्र
              मुसीबतों से डरें नहीं तो जीत पक्की..... जीवन में अक्सर विपरीत परिस्थितियां आकर हमारा रास्ता रोकने का प्रयास करती हैं। कुछ लोग इन विपरीत परिस्थितियों से हार मान कर चुपचाप बैठ जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो इन विपरीत परिस्थितियों को चुनौती देते हैं। वह बिना डरे इनके पार जाकर संघर्ष का रास्ता अपनाते हैं।  जीत उन्हीं लोगों को मिलती है जो संघर्ष के रास्ते पर चलकर विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं।  गीता चौहान एक ऐसी ही मिसाल हैं। मात्र 6 साल की उम्र में वह पोलियो का शिकार हो गईं। उनकी चलने फिरने की शक्ति समाप्त हो गई। वह व्हीलचेयर पर आ गईं। परंतु उनका संघर्ष सिर्फ इतना ही नहीं था। ऐसी स्थिति में जब उन्हें अपने पिता के सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता थी तब उनके पिता ने उनका सहयोग करने से मना कर दिया। गीता पढ़ना चाहती थीं। शिक्षा ग्रहण कर स्वयं को योग्य बनाना चाहती थीं। किंतु उनके पिता चाहते थे कि वह घर पर रहें। उनका मानना था कि उनकी शारीरिक अक्षमता उनकी राह का रोड़ा है। पिता ने तो साथ नहीं दिया लेकिन गीता की माँ उनकी पढ़ने की ललक को भलीभांति समझती थीं। उन्होंने गीता की पढ़