लेखन मेरे लिए जीवन है




डॉ. (श्रीमती) नीरज सुधांशु एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं. वह एक लेखिका, प्रसुति और स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एक प्रकाशन हाउस की स्वामिनी हैं. लेकिन लेखन उनके लिए प्राण वायु की तरह है जिसके बिना वह जीवन की कल्पना भी नही कर सकती हैं.
बचपन से ही लेखन उनका प्रिय कार्य रहा है. आरंभ कविताओं से हुआ. इसके पश्चात लेखन की हर विधा में महारत हांसिल कर ली.
कविता,गीत,दोहे,ग़ज़ल,निबन्ध,व्यंग. मेडिकल लेखन इत्यादि वह विधाएं हैं जिनमें वह लिखती हैं. आस पास के वातावरण से प्रभावित होकर वह विषयों का चयन करती हैं. इनके द्वारा लिखी कविताएं, कहानियां, लेख, व्यंग राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पत्र पत्रिकाओं में समय समय पर प्रकाशित होते रहते हैं.
इनके द्वारा संपादित रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है. इनमें प्रमुख हैं व्यंग्य संग्रह (आदमी कहीं का)
ग़ज़ल संग्रह (सूर्योदय हुआ) 
कविता संग्रह (मोती की खोज) (उपासना के द्वार से)
लघुकथा संग्रह (बूंद बूंद सागर)
मैं के इर्द गिर्द (1111-दोहे)

इनकी लिखी पुस्तक है आँसू लावनी (111-नाटक छंद में मुक्तक)
आकाशवाणी नजीबाबाद से समय समय पर डॉ. नीरज सुधांशु जी की वार्ताओं का प्रसारण भी होता रहता है.
आप 'वनिका पब्लिकेशन' की स्वामिनी हैं. वनिका पब्लिकेशन का उद्देश्य साहित्य जगत के उदीयमान लेखकों की रचनाओं को प्रकाशित कर उन्हें प्रोत्साहन देना है. इसका आरंभ डॉ. नीरज द्वारा दिसंबर 2014 में किया गया. अब तक वनिका पब्लिकेशन द्वारा 14 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है तथा कई अन्य विचाराधीन हैं.
डॉ. नीरज का जन्म 17 दिसंबर 1961 को लखनऊ में हुआ था. आपका पालन पोषण गुजरात में हुआ. शिक्षा के क्षेत्र में भी इन्होंने विविध विषयों का अध्ययन किया. गुजरात आयु.युनि.जामनगर से इन्होंने बी.ए.एम.एस किया. इसके अलावा अन्य शैक्षणिक योग्यताएं हैं
डिप्लोमा इन एक्स्पोर्ट मैनेजमेंट (मेडिसिनल एन्ड एरोमेटिक प्लान्ट्स) पी.जी.डिप्लोमा इन जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन.
साहित्य के क्षेत्र में इन्हें अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं.
अखिल भारतीय साहित्य कला मंच, चाँदपुर द्वारा ‘साहित्यश्री‘ सम्मान जैमिनी अकादमी पानीपत द्वारा ‘रामवृक्ष बेनीपुरी जन्मशताब्दि सम्मान‘
बज़्मेसईद झाबुआ (म.प्र) द्वारा ‘शाईरेवतन‘ सम्मान
स्व.श्री हरि ठाकुर स्मृति सम्मान भारतेंदु समिति कोटा द्वारा 'साहित्यश्री' सम्मान
17 जुलाई को अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच पटना के तत्वावधान में लघुकथा मन्च सम्मान प्राप्त हुआ.

डॉ़. नीरज सुधांशु अपने चिकित्सकीय ज्ञान से समाज की सेवा करती हैं. पढ़ना, स्केचिंग करना तथा गायन इनके पसंदीदा शौक हैं.
आपका एक भरा पूरा परिवार है. पति सुधांशु शर्मा भी एक चिकित्सक हैं. दो बेटे, एक बहू तथा एक प्यारी सी तीन साल की पोती है. प्रकृति का सानिध्य इन्हें बहुत भाता है. सरल ह्रदया डॉ. नीरज के जीवन का एक ही फलसफा है कि वह कभी भी किसी के दुख का कारण ना बनें.

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