उतार चढ़ाव

उतार चढ़ाव
जीवन दो परस्पर विरोधी स्थितियों के बीच बहने वाली धारा का नाम है. सुख- दुख, मिलन-विक्षोह, उन्नति-अवनति सभी को इन विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. यह तो प्रकृति का नियम है. उगते सूरज का अस्त अवश्य होता है. जैसे काली रात के अंत में सुबह अवश्य होती है. आप और हम प्रकृति के नियमों को बदल नही सकते. अतः समझदारी इसी में है कि इन्हें स्वीकार कर लिया जाए. सुख में, उन्नति में संयम बनाए रखें और दुख तथा अवनति के दौर में धैर्य तथा हिम्मत रखें.
याद रखें संतुलन ही जीवन का सार है.


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