सामाजिक चेतना का दीप

सामाजिक चेतना का दीप



दीपावली में हम धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. घर की स्त्री को लक्ष्मी कहते हैं किंतु जब घर में बेटी का जन्म होता है तब बजाय खुश होने के बहुत से लोग उसे बोझ मानकर दुखी होते हैं. बहुत से लोग तो गर्भ में ही लिंग परीक्षण करा कर बेटियों की हत्या कर देते हैं. 
ऐसे माहौल में कुछ लोग सामाजिक चेतना का दीप जला कर समाज को राह दिखाने का कार्य करते हैं. कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध मुहिम चलाने वाले तथा लोगों को बेटियों का महत्व समझाने वाल ऐसे ही एक व्यक्ति हैं डॉ. गणेश राख. पुणे के डॉ. गणेश ने बालिकाओं की रक्षा हेतु एक अनोखा कदम उठाया है. अपने अस्पताल में होने वाली प्रसूति में कन्या का जन्म होने पर यह कोई फीस नही लेते हैं. इनके इस अनूठे कदम का समाज पर प्रभाव पड़ा है तथा इसने एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले लिया है. 
मीडिया में इनके इस प्रयास की खबर आने के बाद कई गांवों के ग्राम पंचायत अध्यक्षों ने इस बात का वचन लिया है कि वह कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लड़ाई करेंगे तथा लोगों में कन्याओं के प्रति संवेदना पैदा करेंगे. कई डॉक्टर भी इनकी इस मुहिम में शामिल हुए हैं.



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