तमसो मा ज्योतिर्गमय

शुभ दीपावली




दीपावली पर्व है प्रकाश का. जब हम घरों को दीपों से सजाते हैं. यह प्रतीक है अंधकार पर प्रकाश की विजय का. यह पर्व चौदह वर्ष का वनवास काटकर  रावण का वध करके लौटे श्रीराम के अयोध्या वापसी की याद में मनाया जाता है. यह पर्व संदेश देता है कि अच्छाई से बुराई को जीता जा सकता है, अंधकार पर प्रकाश सदैव ही विजयी रहता है. आवश्यक्ता है तो बस हमारे प्रयास की.
अंधेरे की शिकायत करने से कुछ नहीं मिलता है. अंधकार को मिटाने के लिए दीप जलाने पड़ते हैं. समाज में व्याप्त बुराइयों का अंत हमारे प्रयासों से ही हो सकता है. आपसी वैमनस्य प्रेम से ही दूर हो सकता है.
अतः इस दीपावली जब दीप जलाएं तो उनमें से कुछ दीप प्रेम, शांति, सद्भावना, भाईचारे और एकता के नाम पर जलाएं. ताकि ऐसे समाज का निर्माण हो सके जहां आने वाली पीढ़ियां मिलजुल कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मना सकें.
आने वाले ऐसे ही कल की उम्मीद पर आप सभी को दीपावली की शुभ कामनाएं.

 असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
 शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

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