सच हुए सपने



भले ही आंखें देख ना सकें किंतु सपने अवश्य देखने चाहिए क्योंकी उनका पूरा होना आपके हौंसले पर निर्भर करता है. इस बात को सच कर दिखाया है तमिलनाडु की बेनो ज़ेफाइन ने. बेनो पहली पूर्णतया नेत्रहीन व्यक्ति हैं जिन्हें Indian foreign services IFS के लिए चुना गया है. IFS के लिए चुने जाने से पहले बेनो SBI में Probationary Officer के पद पर काम कर रही थीं. IAS की परीक्षा पास कर लेने के बाद बेनो अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रही थीं. UPSC के साक्षात्कार में उनसे पूंछे गए अधिकांश प्रश्न विदेशी नीति से संबंधित थे. अतः अपनी नियुक्ति का एक हल्का सा अनुमान उन्हे लग गया था किंतु इससे पूर्व पूर्णतया नेत्रहीन व्यक्ति को IFS में नियुक्ति नहीं मिली थी. बेनो की नियुक्ति एक क्रांतिकारी कदम है. इसके लिए वह केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की शुक्रगुज़ार हैं. IFS officer के तौर पर अपने कार्य को लेकर बेनो बहुत उत्साहित है.


मद्रास विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में परास्नातक बेनो स्कूल तथा कालेज में वाद विवाद प्रतियोगिता तथा अन्य गतिविधियों में भाग लेती रही थीं. उनके पिता ल्यूक एन्थनी चार्ल्स रेलवे कर्मचारी तथा माता मैरी पद्मजा एक गृहणी हैं. अपनी सफलता का श्रेय बेनो अपने माता पिता और शिक्षकों को देती हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=_VlpRh1Glj8

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