किताबों की दुनिया


लखनऊ के मशहूर इलाके हजरतगंज की मेफ़ेयर बिल्डिंग में स्थित ' राम अडवाणी बुकसेलर्स ' पुस्तक प्रेमियों की पसंदीदा जगह है. किताबों की इस दुनिया को बसाने में श्री राम अडवाणी जी की मेहनत और लगन लगी है. 
विभाजन पूर्व कराची में जन्मे राम अडवाणी जी अपने परिवार के साथ 1920 में लखनऊ आए. पुस्तकों से इनके परिवार का पुराना नाता था. Ray's bookshop के नाम से लाहौर में इनकी पुस्तकों की दुकान बहुत मशहूर थी. इसकी शाखा रावलपिंडी और नैनीताल में थी. कॉटन बिशप स्कूल शिमला में पढ़े राम अडवाणी रस्किन बॉन्ड के सहपाठी रहे थे. उसी समय से साहित्य के प्रति इनका रूझान रहा. अपनी परास्नातक की डिग्री लेने के बाद इन्होंने भी Bookstore खोलने का निश्चय किया.
सन् 1948 में गांधी भवन में इन्होंने अपना Bookstore खोला. किंतु कुछ कारणों से 1951 में इसे मेफेयर बिल्डिंग में हस्तांतरित किया गया.

Ram Advani Bookseller उन सभी की पसंदीदा जगह रही है जिन्हें साहित्य और परिचर्चा में दिलचस्पी रही है. यहाँ साहित्य से लेकर राजनीति सभी विषयों पर चर्चा होती थी. यहाँ विभिन्न विषयों पर अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं. खासकर लखनऊ के इतिहास पर. सांस्कृतिक इतिहासकार सलीम किदवई का कहना है कि लखनऊ के इतिहास के बारे में लिखने वाले सभी लेखक राम अडवाणी को धन्यवाद देते है.
इस बदलते वक्त में भी उनका  Bookstore पुस्तक प्रेमियों की पहली पसंद रहा है. राम अडवाणी अपने यहाँ आए पुस्तक प्रेमियों को सही चुनाव करने में मदद करते थे. वह स्वभाव से खुशमिजाज थे. 90 वर्ष की आयु में भी उन्हें पुस्तकों के बीच समय बिताना पसंद था. नवाबों के शहर लखनऊ को उनका Ram Advani Bookseller एक खास पहचान देता है. उनकी मृत्यु से लखनऊ ही नही वरन देश तथा विदेश के कई पुस्तक प्रेमियों को आघात लगा है.

https://www.youtube.com/watch?v=NjScMITizoY

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